Wednesday, July 01, 2009

मेंढक की त्वचा के द्रव से मिला मधुमेह का इलाज

http://samachar.boloji.com/200803/18654.htm

मेंढक की त्वचा के द्रव से मिला मधुमेह का इलाज

न्यूयार्क, 7 मार्च (आईएएनएस)। मेंढक की त्वचा से निकलने वाले द्रव से 'डाइबिटीज' के रोगियों का इलाज हो सकेगा।

मेंढकों के ऊपर अध्ययन कर रहे अल्सटर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक का कहना है कि 'सियूडिस पैराडक्सा प्रजाति' के मेंढक की त्वचा में एक विशेष प्रकार का द्रव होता है, जो उसे संक्रमण के प्रभावों से बचाता है। लेकिन मनुष्य के शरीर में 'सियूडिन-2' नामक द्रव होने के कारण इसका अलग ही महत्व है।

शोधार्थियों ने पाया कि यह मनुष्य के शरीर में इंसुलिन को बढ़ाने का काम करता है जो मधुमेह के प्रभावों को रोकने का काम करता है।

विश्वविद्यालय के जैविक-चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर यासर अब्दल वहाब ने कहा ''शोध के परिणाम बहुत उत्साहजनक हैं। हम मधुमेह-2 के इलाज खोजने के बहुत नजदीक पहुंच गए हैं।'' उन्होंने बताया कि इसके लिए और शोध की जरूरत है। जल्द ही मधुमेह दवा की खोज कर ली जाएगी और इसके अच्छे परिणाम आने की भी उम्मीद है।

खास बात यह है कि सियूडिस पैराडक्सा प्रजाति का यह मेंढक अपनी बढ़ती उम्र के साथ छोटा होता जाता है। उन्होंने आगे बताया कि लोगों को मधुमेह-2 से बचाने के लिए अब हमें आगे इसके इस्तेमाल पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उनका विश्वास है कि यह दवा मधुमेह को रोकने के साथ-साथ, हृदयरोग, अंधापन आदि कई रोगों को दूर क रने में सहायक है। मधुमेह की बीमारी प्राय: मध्य आयु में मोटापे के कारण होता है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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