Wednesday, July 01, 2009

मधुमेह के मरीजों को करानी चाहिए कैंसर की नियमित जांच

मधुमेह के मरीजों को करानी चाहिए कैंसर की नियमित जांच वाइसबाडेन (जर्मनी), 8 सितम्बर (आईएएनएस)। चिकित्सक मधुमेह के रोगियों को कैंसर की नियमित जांच कराने की सलाह देते हैं क्योंकि उनमें न केवल गुर्दे और संक्रामक बीमारियां होने की आशंका होती है वरन उन्हें टयूमर होने का खतरा भी अधिक होता है। मधुमेह के मरीजों में आंत के कैंसर की आशंका औरों से 30 फीसदी तक अधिक होती है जबकि उनमें पैंक्रियाज का कैंसर होने की आशंका सामान्य लोगों की तुलना में 700 फीसदी अधिक होती है। इन रोगियों में टाइप-2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या अधिक है। जर्मनी के प्रोफेशनल एसोसिएशन आफ इंटरनिस्ट्स के अनुसार मधुमेह के मरीजों को 50 वर्ष की अवस्था के बाद हर पांच साल में कैंसर की जांच कराते रहना चाहिए। इसके अलावा उन्हें अपने मल में रक्त आने पर भी तुरंत जांच करानी चाहिए क्योंकि यह आंतों अथवा पेट में टयूमर का संकेत हो सकता है। समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार हालांकि अभी मधुमेह रोगियों में कैंसर की आशंका के प्रमुख कारणों की पहचान नहीं हो पाई है। संभवत: इंसुलिन की तगड़ी मात्रा शरीर में कैंसर की कोशिकाओं की वृध्दि में सहायक होती है। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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