Wednesday, July 01, 2009

मधुमेह रोगी पेडिक्योर करवाएं मगर ध्यान से

http://samachar.boloji.com/200802/16686.htm
मधुमेह रोगी पेडिक्योर करवाएं मगर ध्यान से

नई दिल्ली, 6 फरवरी, (आईएएनएस)। आपको सुनने में भला ही अटपटा लगे लेकिन यह कहना गलत न होगा कि पैरों के सौंदर्य को बरकरार रखने के लिए किए जाने वाला 'पेडिक्योर' मधुमेह रोगियों के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पार्लरों में पेडिक्योर के लिए प्रयोग किए जाने वाले उपकरणों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। यही नहीं एक बार साफ किए गए उपकरणों से कई लोगों के पेडिक्योर किए जाते हैं।

इस कारण कुछ जीवाणु लोगों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, ऐसे में मधुमेह रोगियों में लाइलाज अलसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

'दिल्ली मधुमेह अनुसंधान केन्द्र' के अध्यक्ष डा. अशोक झिंगन ने कहा कि केवल मधुमेह के कारण ही प्रतिवर्ष 40 हजार टांगें खराब हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस कारण मधुमेह रोगियों को पैरों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।

इस बाबत आईएएनस ने दिल्ली के 10 प्रतिष्ठित ब्यूटी पार्लरों का दौरा किया तो पता चला कि केवल चार ब्यूटी पार्लर ही मधुमेह रोगियों का पेडिक्योर करने में विशेष सतर्कता बरतते हैं।

दिल्ली में 'फोर्टीज अस्पताल' में मधुमेह विभाग के अध्यक्ष अनूप मिश्रा कहते हैं कि अधिकांश सौंदर्य विशेषज्ञों व मधुमेह रोग पीड़ित 80 फीसदी महिलाओं को भी इस बात की जानकारी नहीं है।

वीएलसीसी की गुड़गांव स्थित शाखा की संचालिका बनीता वर्मा कहती हैं, ''हमारे पास आने वाले ग्राहक कभी नहीं बताते कि वह मधुमेह से पीड़ित हैं या फिर नहीं।''

हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में विशेषज्ञों ने लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष पहल भी शुरू कर दी है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

दूषित मछली के सेवन से मधुमेह का खतरा

I am trying to collect and archive al the available regional language content about diabetes in this blog to make it a regional portal for diabetes in India.
if any one has any objection to my posting theses articles please contact me and if you object I will remove the post .
the idea is to make the knowledge and news and information available to everyone in India and the world

http://samachar.boloji.com/200704/01968.htm

दूषित मछली के सेवन से मधुमेह का खतरा
न्यूयॉर्क, 14 अप्रैल
मनुष्य द्वारा निर्मित रसायनों को खाने और समुद्र में फैले औद्योगिक कचरे को खाने वाली मछलियों का सेवन करने से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। दक्षिण कोरिया के कुछ शोधकर्ताओं ने हाल ही में किए गए एक शोध में यह दावा किया है।
शोधकर्मियों के अनुसार अभी तक यह माना जा रहा था कि मोटापा मधुमेह का एक प्रमुख कारण है, लेकिन नए शोध के अनुसार उन व्यक्तियों को मधुमेह होने का खतरा ज्यादा होता है, जिनके शरीर में डीडीटी जैसे कीटनाशक और अन्य रसायन उच्च स्तर पर पाए जाते हैं। गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान डीडीटी का विकास किया गया था। यह पहला कीटनाशक है, जिसका प्रयोग उस समय मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए किया गया था। हालांकि बाद में अमेरिका ने 1972 में डीडीटी के पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव के कारण प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन विकासशील देशों में मलेरिया जैसे रोगों की रोकथाम के लिए अभी भी डीडीटी का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पीसीबी (पॉली क्लोरिनेटेड बाई फिनाइल्स) ऐसे रसायन हैं, जिसका मछलियां सेवन करती हैं और जिसे आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार स्वास्थ्य के लिए एक खास प्रजाति, सलमोन मछलियां ही लाभदायक होती हैं। लेकिन इन मछलियों में भी पीसीबी का ऊच्च स्तर पाया जाता है। प्रतिबंध के बावजूद डीडीटी और पीसीबी जैसे कीटनाशक मिट्टी और समुद्र में पाए जाते हैं और भोज्य पदार्थो के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने इंसुलीन और रसायनों के बीच संबंध की व्याख्या करते हुए कहा है कि मोटे व्यक्तियों में जिनमें रसायनों की मात्रा ज्यादा होती है, वे इंसुलीन की कमी का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा इसके विपरीत जिन लोगों का वजन जरूरत से ज्यादा है, लेकिन जिनके खून में रसायनों की मात्रा कम है, उनमें यह संभावना नहीं पाई जाती।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

machine translation sucks

some web sites have tried using google translate to give info in hindi from english artcles.
so far the translation is so bad it makes little sense .

but it has been somwhat useful as a draft to get to the finalk product for people like me who are rusty in hindi.

recently I got a beta hindi punjabi MT version from vishal goyal of punjab university may be some punjabis should look at this .
if they can convert some of the hindi content to punjabhi it will be helpful

मधुमेह लेख

मधुमेह ःवाः􀃘य अिभलेख
मधुमेह की देखरेख के आधारभूत मागर्दशर्क िस􀆨ांत नामक इस पच􀈸 की चचार् आपके िलए मधुमेह की देखरेख की 􀃥यवःथा करनेवाले 􀃥यि􀆠 के साथ करें तथा अपने नतीजों को िलखने के िलए इसका इःतेमाल करें। इसे मोड़कर अपने पसर् में रख लें।
मधुमेह पर िवजय पाएं !
खून में शक्कर के अभलेखों
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(हर मुलाकात के दौरान)
लआय (भोजन के पूवर्):
िदनांक:
र􀆠 चाप
(हर मुलाकात के दौरान)
लआय:
िदनांक:
मूल्य:
वजन
(हर मुलाकात के दौरान)
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िदनांक:
मूल्य:
पैर की जांच
(हर मुलाकात के दौरान)
िदनांक:
ए1सी
िपछले तीन महीनों में र􀆠 में
शक्कर की माऽा मापने के िलए
र􀆠 परीक्षण (हर 3 महीने) लआय:
िदनांक:
मूल्य:
माइबोएलब्यूिमनूिरया
मूऽ गुदार् परीक्षण
(हर साल)
लआय:
िदनांक:
मूल्य:
िवःफािरत नेऽ परीक्षण
(हर साल)
िदनांक:
दांतों का परीक्षण
(हर छह महीने)
िदनांक:
􀇿दय रोगों के िलए महत्वूणर् वसा को मापने के िलए र􀆠 परीक्षण
कोलेःशोल
(हर साल)
लआय:
िदनांक:
मूल्य:
शाइिग्लसराइड्स
(हर साल)
लआय:
िदनांक:
मूल्य:
एचडीएल/एलडीएल
(हर साल)
लआय:
िदनांक:
मूल्य:
􀃝लू के िलए इंजेक्शन
(हर साल)
िदनांक:
िनमोिनया के िलए टीका
(कम से कम एक बार/डाक्टर से पूछें)
अन्य

युवाओं में बढ़ रहा है मधुमेह

मधुमेह की बीमारी अब एशिया में भी अपनी जड़ें जमाने लगी हैं लेकिन पश्चिम के विपरीत इस क्षेत्र में मधुमेह से पीड़ित समुदाय में युवाओं की संख्या अधिक है। वे मोटापे का भी शिकार नहीं हैं। यदि यही स्थिति रही तो वर्ष 2025 तक अकेले भारत में मधुमेह पीड़ितों की संख्या वर्ष 2007 में चार करोड़ के मुकाबले बढ़कर सात करोड़ हो जाएगी। जर्नल आफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि मधुमेह की बीमारी ने वैश्विक समस्या का रूप ले लिया है तथा वर्ष 2025 में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या वर्ष 2007 के 24 करोड़ के मुकाबले 38 करोड़ तक पहुंच जाने की आशंका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन मरीजों में से 60 फीसद से अधिक एशिया में होंगे जो दुनिया का तेजी से विकसित होता क्षेत्र है। कम और मध्यम आय वाले देश इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे। भारत में मधुमेह पीड़ित मरीजों की संख्या चार करोड़ से सात करोड़ चीन में तीन करोड़ 90 लाख से बढ़कर पांच करोड़ 90 लाख और बांग्लादेश में तीन करोड़ 80 लाख से बढ़कर सात करोड़ 40 लाख तक हो जाएगी। लेखक ने अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ के आंकड़ों का उल्लेख करते हुए यह बात कही है। एशियाई क्षेत्र में इंडोनेशिया, फिलीपिंस, मलेशिया, वियतनाम तथा अन्य पड़ोसी देशों में मधुमेह के रोगियों की संख्या में भारी इजाफा होगा।हार्वर्ड स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ में प्रोफेसर फैंक हू ने कहा है कि मधुमेह की बीमारी का संबंध दिल की बीमारी ह्म्द्याघात और गुर्दा फेल होने जैसी गंभीर समस्याओं से है। इन बीमारियों का इलाज भी काफी महंगा साबित होता है।जेएएमए शोध से यह भी पता चलता है कि एशियाई क्षेत्र में मधुमेह बीमारी के जोर पकड़ने के पीछे आनुवांशिक कारक धूम्रपान एवं बढ़ता शहरीकरण जिम्मेदार है। लेकिन शोध की सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि यह बाडी मास और उम्र के अनुसार अलग अलग देशों में अलग अलग तरह से लोगों को प्रभावित करता है।

with some modifications from india development website

మధుమేహ వ్యాధి / dayabeTisu
మధుమేహ వ్యాధిని - చెక్కర వ్యాది, షుగర్ వ్యాధి అని సాధారణంగా అంటూ వుంటారు.
కారణాలు
1. శరీరములో ఉత్పత్తి అయే ఇన్సులిన్ హార్మోను - శరీరములోని షుగర్ ను సమతుల్యము చేసి, అవసరానికి షుగర్ అందుబాటులో వుండునట్లు చేయుటలో ఇన్సులిన్ ప్రధానపాత్ర వహిస్తుంది.
2. శరీరంలో ఇన్సులిన్ శాతం తగ్గిన laedaa
ఉత్పత్తి అయిన ఇన్సులిన్ శరీరంలోని కణాలు సరిగ వినియోగించుకోక పోవడం వలన - మధుమేహ వ్యాధి వస్తుంది.

సాధారణంగా మధుమేహం ఎవరికి వస్తుంది?
1. అధిక బరువు వున్న వాళ్ళు - చిన్నవారైన - పెద్దవారికైన రావచ్చు.
2. మానసిక వత్తిడికి లోనైనవారు.
3. శారీరక శ్రమ లేనివారికి (sedentary jobs).
4. కొన్ని సందర్భాలలో - వారసత్వంగా కూడా ఈ వ్యాధి రావచ్చును.
5. అవసరమైన మోతాదులకన్నా - ఎక్కువగా ఆహారము తినేవాళ్ళకు.
6. తరచుగా జబ్బులతో బాధపడువారు రోగనిరోధక శక్తిని కోల్పోయి - మధుమేహ వ్యాధి రావచ్చును
7. కొన్ని రకాల మందులు దీర్ఘకాలం వాడడం వలన ఈ వ్యాధి రావచ్చును.

మధుమేహ వ్యాధి లక్షణాలు
1. ఆకలి ఎక్కువగా వుండి - చాలా మార్లు, ఎక్కువగా ఆహారం తీసుకోవడం
2. సాధారణం కన్నా ఎక్కవగా నీరు దప్పికకావడం - ఎక్కువగా నీరు త్రాగడం
3. ఎక్కువసార్లు మూత్రవిసర్జకు వెళ్ళడం.
4. కొంతమందిలో బరువు తగ్గడం, గాయం తగిలిన సరిగా మానకపోవడం - త్వరగా తగ్గకపోవడం.
5. నీరసంగా,నిస్త్ర్రాణంగావుండడం, స్త్ర్రీలలో అసాధారణంగా తెల్లబట్ట(white discharge)
6. తరచుగా చర్మ వ్యాధులు రావడం
7. కొందరిలో కాళ్ళు - చేతులు ముఖ్యంగా పాదాలు అరచేతులు తిమ్మిరిగా వుండడం.
8. ఏదైనా పని చేయాలన్న - చికాకు, అసహనము కలిగి త్వరగా అలసిపోవడం, వంటి లక్షణాలలో ఏ లక్షణాలైనా వుండవచ్చును.

మధుమేహం వలన ఎక్కువ శాతం అన్ని అవయవాలకు అనారోగ్యం కలిగే అవకాశం వుంది.
ముఖ్యమైన అవయవాలు:-
మూత్ర పిండాలు
గుండె
రక్త నాళాలు
కళ్ళు - కంటిలో రక్త నాళాలు, నరాలు
కాళ్ళు, పాదాల నరాల కు మధుమేహప్రభావం కారణంగా - గాయం అయినా, పుండు అయినా - మానకపోవడం లేదా నిదానంగా మానడం జరుగుతుంది.
తీసుకోవలసిన జాగ్రత్తలు:-
వీలైనంత త్వరగా లక్షణాలను గుర్తించి, ఏ రకమైన మధుమేహమో, నిర్ధారించుకోవలసిన అవసరం వుంది - డాక్టరును సంప్రదించి వ్యాధినిర్ధారణ, వైద్యం చేయించుకోవడం ప్రధానము.
శారీర కష్టం చేయనివారు, క్రమంతప్పక వ్యాయామం (అంటేనడక) చేయాలి. ప్రతిరోజు సుమారు 30 నిమిషాలు జోరుగా నడవాలి (Brisk walk). కనీసం వారంలో 5-6 రోజులు నడక వ్యాయామం చేయాలి.
పాదరక్షల lopali భాగము మెత్తగా స్పాంజిలాగా/maikro sellular వుండే విధంగా చూడాలి.
పాదాలు ఎల్లప్పుడు శుభ్రంగా వుంచుకొని - వీలైనప్పుడు డాక్టరును సంప్రదించి రక్తపరీక్షలు -మూత్రపరీక్షలు చేయించుకోవాలి.
క్రమం తప్పక వైద్యం చేయించుకోవాలి.
మితంగా అహారం తీసుకోవాలి.
"కడుపు నిండకూడదు - ఖాళీ వుండకూడదు" అన్న నానుడికి అనువుగా ఆహారపు అలవాట్లు అలవరచుకోవాలి.

ఆహారంలో తీసుకోవలసిన పదార్ధాలు
ఆకు కూరలు, వంకాయ, బెండ, కాకర, పొట్ల, కాబేజి, దొండకాయ, మునగకాడలు, టమాట, కాలిఫ్లవర్ మొదలగునవి -

ఆహారములో తీసుకోకూడని పదార్ధాలు
పంచదార, తీపిపదార్ధాలు, బెల్లం, జీడిపప్పు, బాదం, కొబ్బరి నీళ్ళు, హార్లిక్స్ లాంటి పొడి పదార్ధాలు, అరటి, మామిడి, సపోటా, సీతాఫలం, ద్రాక్షవంటి పండ్లు, బిస్కట్లు, చాక్లెట్, కేకులు మొ"నవి, బంగాళాదుంప, నెయ్యి, ఇతర నూనె పదార్ధాలు.

తీసుకోవలసిన జాగ్రత్తలు :
చర్మం - ప్రత్యేకమైన జాగ్రత్తలు ఎందుకు అనగా గ్లూకోస్ రక్తం లో ఎక్కువ మెతాదు లో ఉన్నందున సూక్ష్మ క్రిములు (అనగా బాక్టీరియా) ఫంగస్ ఎక్కువ ఉత్పత్తి అవడం జరుగుతుంది. సామాన్యం గా మధుమేహ వ్యాధి గ్రస్తులకు వ్యాధి నిరోధక శక్తి తగ్గినందువలన సూక్ష్మ క్రిముల తో పోరాడడం తగ్గుతుంది.
అందు వలన చర్మం ఎప్పుడు సుభ్రంగా ఉంచాలి
చర్మం రంగు మారినా, మందంగా ఉన్నా
చర్మం పై బొబ్బలు ఉన్నా
చర్మం ఎర్రగా వాపు ఉండి, వేడిగా ఉన్నా ఇది చర్మం ఇన్ ఫెక్షన్ అయిఉండవచ్చు
గజ్జలలో దురద స్త్రీ మర్మాంగ అవయవాలలో చంకలలో కాలి వేళ్ళ మధ్య దురదలు ఎక్కువగా ఉన్నా
దెబ్బ తగిలి మానకుండా ఉన్నా
వెంటనే డాక్టర్ సలహా పొందాలి (చర్మవ్యాధి డాక్టర్ )
ప్రతి రోజూ క్రమం తప్పకుండా గోరు వెచ్చని నీళ్ళ తో సున్నితమైన సబ్బు వాడి స్నానం చేయాలి, మరిగే నీళ్ళు వాడరాదు.
స్నానం అయిన తరువాత మెత్తటి సుభ్రమైన పొడి బట్టతో తడి అంతా తుడుచుకోవాలి, శరీరం పై ఎక్కడా నెమ్ము ఉండరాదు. ప్రత్యేకంగా చర్మం ముడతలలో, తడి ఉన్నచో చర్మం దురదతో గోకిన చొ బాక్టీరియల్ ఇన్ ఫెక్షన్ రావచ్చు.
ఎక్కువ నీరు త్రాగటం అలవాటు చేసుకోవాలి , చర్మం ఎండి పోయినట్లు ఉండదు

మధుమేహ వ్యాధి గ్రస్ధులు – తీసుకొవలసిన ఆహారం

మధుమేహ వ్యాధి గ్రస్ధులు – తీసుకొవలసిన ఆహారం
నీరు కావలసినంత మొతాదు ( రోజుకు సుమారు 8 గ్లాసులు )
వీరు తీసుకొనే ఆహారంలో పిండి పదార్ధాలు తక్కువగా ఉండి సంపూర్ణ ఆహారమై ఉండాలి
వీరు తీసుకొనే ఆహారం వారి చికిత్స పై ఆధారపడి ఉంటుంది
వీరు తీసుకొనే ఆహారంలో ముఖ్యంగా ఈ క్రింద చూపబడినవి తగు పాళ్ళలో ఉండాలి : ఉదాహరణకు
పదార్ధాలు
( గ్రా ) శాకాహారులు
( గ్రా ) మాంశాహరము
గింజ ధాన్యాలు
200
250
పప్పు ధాన్యాలు
60
20
ఆకు కూరలు
200
200
పండ్లు
200
200
పాలు
400
200
నూనెలు
20
20
చేపలు/ కోడి మాంసము చర్మం లేకుండా
-
100
మిగతా కూరగాయలు
200
200

పైన చెప్పిన ఆహారం లో శక్తి
మొత్తం కాలరీస్
1600
మాంసకృత్తులు
65gs
కొవ్వు
40gs
పిండి పదార్ధాలు
245gs

5102 रोगियों को 20 साल अध्ययन बाद यू. के. पी. डी. स्टडी

5102 रोगियों को 20 साल अध्ययन बाद यू. के. पी. डी. स्टडी
मधुमेह ko नियन्त्रित रख ne se
Sabhi दुष्परिणामों से बच सकते है
माइक्रोवासकुलर दुष्परिणामों से बच सकते है
अन्धेपन से बच सकते है
स्ट्रोक से बच सकते है
हॄदयाघात से बच सकते है

मधुमेह में शिक्षा ज्यादा जरुरी है, सही जानकारी से आप अपने को स्वस्थ रख सकते है।