Do's, don’ts & warnings
What follow are some simple instructions on what to do and what not to do to look after your
feet. Included are some warning signs to look out for. None of the information below is intended
to replace the advice of your healthcare team.
Do's:
1. Check your feet daily for cuts, blisters, bruises or colour changes, swelling, in-grown
toenails and open sores. Use a mirror to see the soles of your feet or, if this is difficult,
seek help from someone else. Report any problems to your healthcare team without
delay.
2. Always protect your feet. Wear suitable footwear, inside or outside your home to avoid
injuring your feet.
3. Check inside your shoes for stones, sharp objects and rough places before putting them
on.
4. Buy new shoes late in the day. This is because your feet become more swollen at the end
of the day and you can be sure that your shoes are not too tight and fit well.
5. Wearing socks can help prevent injury. Make sure that if you have to remove your shoes
and socks for cultural or religious reasons, you are careful to avoid the risk of burns from
hot surfaces in hot climates.
6. Always wash your feet with soap and water. Take care to wash between your toes. Dry
your feet carefully, especially between the toes. Use oil or lotion to keep your skin soft.
7. Cut toenails straight across and file any sharp edges.
8. Have your feet checked periodically by a healthcare professional.
9. Keep wounds covered with clean dressings.
क्या करना क्या , क्या नहीं करना चाहिए और चेतावनि
अपने पैर. के देखभाल करने के लिए
निम्नलिखित हैं :कुछ सरल निर्देश, और चेतावनी के संकेत , जिन के बारे में आपको सावधान रहना चाहिए.
अपने पैरों में कटौती, फफोले, घाव या रंग में परिवर्तन सूजन, पैर की अंगुली का नाखून में. जो नाखून त्वचा के नीचे जा रहे हैं (in-grown
Toenails) के वास्ते हर दिन जांच करना चाहिए.
अपने पैरों के के नीचे हिस्से को देखने के लिए एक दर्पण/ आइना का प्रयोग /इस्तेमाल करें.
अगर यह मुश्किल है
तब
किसी और से मदद ले.
किसी भी समस्याओं के अपने स्वास्थ्य टीम/ चिकित्सक को बिना विलम्ब/ देर /( जितना जल्दी हो सके) रिपोर्ट करना चाहिए.
हमेशा अपने पैरों की रक्षा करना.
अपने पैरों को घायल होने से से बचाने के लिए.
अपने घर के बाहर और अंदर भी उपयुक्त जूते, पहनें
3. पहनने से पहले अपने जूते के अंदर पत्थर, तेज वस्तुओं और किसी न किसी चीज के लिए उन्हें जाँच करें उनके जूते में ऐसी सामग्री हो सकती है
कम सनसनी(sensation) की वजह से
मधुमेह के साथ लोगों को इसका पता नहीं होने से पैरों को घायल सकती है
नए जूते शाम मे खरीदना क्योंकि आपके पैरों को शाम तक और सूजी हुयी होगी.
और नये जूते तंग नहीं होन्गे
मोजे पहन ने से चोट को रोकने में मदद मिल सकता है.
धार्मिक और सांस्कृतिक कारणों सेअगर आप अपने जूते और मोजे चोदना पड़े तो
गर्म मौसम में आप ke pair jalne से बचने के लिए सावधान रहे
गर्म मौसम में आप के पैर जलने से बचने के लिए सावधान रहे. अगार ऐसे नहीं हो सकता तो उस समय मे वहां जाना चोदिये.
हमेशा साबुन और पानी से अपने पैर धो लो. अपने पैर की उंगलियों के बीच मे साफ़ करो
अपने पैरों को विशेषकर उंगलियों के बीच.ध्यान से सूखा
Rakho
पैर की अंगुली का नाखून सीदे काटो गोल नहीं
और किसी भी तेज किनारों.फ़ाइल करके साफ़ बनवो
अपने पैरों को समय समय पर एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा जाँच करावो
घाव को साफ ड्रेसिंग के साथ गावको ड्रेसिंग से डाप कवर/ बंद रखो.
Amet
a blog to develop Diabetes education topics in Indian regional languages. concentrating on Hindi,telugu शिक्षाభారతీయ భాషలో మదుమెహ విద్య tamilபாரதீய பாஷயில் மதுமேஹ வ்த்யை to begin with Acupuncture, DHEA, Traditional Chinese Herbal Medicine, , medicine, Geriatrics, India, Public Health,
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